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DOI: https://doi.org/10.63345/ijrhs.net.v12.i6.1
शुभदा कुमारी
रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय
भोपाल, मध्य प्रदेश
प्रो० (डॉ०) किरण मिश्र
प्रोफेसर एवं संकायाध्यक्ष,
शिक्षा संकाय,
रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय,
भोपाल।
प्रो० (डॉ०) संजय भूड़ियां
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष,
शिक्षा संकाय,
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय,
जमशेदपुर, झारखंड।
सारांश
डिजिटल तकनीक के तीव्र विकास ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। विशेष रूप से माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए डिजिटल शिक्षण साधन (जैसे स्मार्ट क्लासरूम, ई–लर्निंग प्लेटफॉर्म, मोबाइल एप्लिकेशन, इंटरैक्टिव व्हाइटबोर्ड, ऑनलाइन क्विज़, वीडियो लेक्चर और वर्चुअल लैब्स) अध्ययन–अभिप्रेरणा को नए आयाम प्रदान करते हैं। यह शोध इस तथ्य की पड़ताल करता है कि किस प्रकार डिजिटल शिक्षण साधन विद्यार्थियों की आंतरिक प्रेरणा, सीखने की रुचि, संज्ञानात्मक सक्रियता और आत्म–निर्देशन की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
पारंपरिक शिक्षण विधियों में प्रायः विद्यार्थियों की भागीदारी सीमित और एकतरफा होती थी, जबकि डिजिटल माध्यमों ने उन्हें सक्रिय प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत किया है। इंटरैक्टिव कंटेंट, गेमिफिकेशन, मल्टीमीडिया और व्यक्तिगत अनुकूलन जैसे तत्व विद्यार्थियों के लिए सीखने की प्रक्रिया को रोचक और सार्थक बनाते हैं। उदाहरणस्वरूप, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रीयल–टाइम फीडबैक और प्रगति ट्रैकिंग न केवल विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन का आकलन करने में मदद करता है, बल्कि उन्हें निरंतर सुधार के लिए प्रेरित भी करता है।
अनुसंधान से यह स्पष्ट हुआ है कि डिजिटल साधनों का उपयोग विद्यार्थियों की आत्म–प्रेरणा को बढ़ाता है। वे स्वयं सीखने की ओर अधिक प्रवृत्त होते हैं और शिक्षण को केवल परीक्षा केंद्रित न मानकर जीवन कौशलों के विकास से भी जोड़ते हैं। साथ ही, सहयोगात्मक उपकरण (जैसे चर्चा मंच और वर्चुअल ग्रुप प्रोजेक्ट्स) विद्यार्थियों में सामाजिक सीखने, संवाद कौशल और टीम भावना को भी प्रोत्साहित करते हैं।
हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ भी सामने आती हैं, जैसे तकनीकी अवसंरचना की कमी, डिजिटल असमानता, और निरंतर स्क्रीन समय से होने वाली थकान। यदि इन चुनौतियों का समाधान उचित नीतियों और संतुलित शिक्षण रणनीतियों के माध्यम से किया जाए, तो डिजिटल शिक्षण साधन विद्यार्थियों की अध्ययन–अभिप्रेरणा को सशक्त रूप से बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्षतः, डिजिटल शिक्षण साधन माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए केवल ज्ञान प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं, आत्म–विश्वास, जिज्ञासा और सीखने की निरंतर प्रेरणा को विकसित करने का एक प्रभावी माध्यम हैं। इस प्रकार, शिक्षा के डिजिटल रूपांतरण ने अध्ययन–अभिप्रेरणा को एक नए युग में प्रवेश कराया है, जहाँ विद्यार्थी सक्रिय, स्व–प्रेरित और ज्ञान के प्रति अधिक संवेदनशील बनते जा रहे हैं।
मूल शब्द
डिजिटल शिक्षण साधन, माध्यमिक शिक्षा, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, डिजिटल साक्षरता, आत्म-प्रेरणा, इंटरैक्टिव लर्निंग
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